सांसद पुष्प जैन द्वारा अकाल से बचाव की योजनाए
कम वर्षा निरंतर गिर रहे भू-जल स्तर लगातार अकाल की विभीषिका बढ़ती जनसँख्या तथा पशुधन के बढ़ते दबाव से पाली जिले में पेयजल उपलब्ध कराना एक गंभीर चुनौती बन गया था
पाली में यह कहावत प्रसिद्ध हो गयी थी कि "तीजौ कुरियो आठवौ काल" अर्थात प्रत्येक तीसरे वर्ष में कुरिया (आधा काल) तथा आठवे वर्ष में भयंकर अकाल अवश्य पड़ता है विगत वर्षो में निरंतर अपर्याप्त वर्षा से उत्पन्न अकाल की स्तिथि के कारण पेयजल की कमी को देखते हुए स्थायी समाधान के लिए अकाल राहत कार्य शुरू किये गए प्राचीन परम्परागत पेयजल स्त्रोत] नाड़ी] तालाब] कुओं] टांको] एनिकट निर्माण आदि की खुदाई व मरम्मत जैसे कार्यक्रम एंव योजनाए शुरू की
सांसद पुष्प जैन द्वारा अकाल के समय अपने क्षेत्र में विभिन्न गाँवों में जाकर मुख्य रूप ls आदिवासी इलाकों में व्यक्तिगत रूप से पहुंचकर अकाल ग्रसित जनता को अनाज व सामग्री वितरित की गयी
अकाल वन्य जीवो के j{kkFkZ पाली लोकसभा क्षेत्र की अरावली पर्वत माला में करीब 4000 वानर lsdMkS Hkkyw isUFkj o vU; tho fopj.k djrs हैं
यह मुख्य रूप से परशुराम महादेव] देसूरी नाल रणकपुर सुमेर गोरमघाट कामलीघाट मुछाला महावीर आदि जगहों पर सेकड़ो की तादाद में पाए जाते है अकाल के समय मनुष्य के साथ साथ वन्य जीवो को भी इससे प्रभावित होना पड़ता है जंगलो में वर्षा के आभाव में वनस्पतिया भी सुख जात्ती है, भीषण गर्मी के चलते वन्य जीवो के पीने के पानी की भी किल्लत आ जाती है इन सबके के चलते उनका जीवन संकट में आ जाता हैA
ऐसे में प्रतिवर्ष व्यक्तिगत व जन सहयोग से वन्य जीवो के जीवन को बचाने हेतु सब्जिया फल व भुंगMs (चना) इत्यादि की व्यवस्था कर जंगल में उपरोक्त स्थानों पर जाकर वितरण किया जाता हैA जीवो के पानी पीने हेतु स्वच्छ जल की व्यवस्था की जाती है अकाल में सेकड़ो वन्य प्रेमी वानरों के लिए खाद्य सामग्री का वितरण करने आते है